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UP Police paper shift 1 (question and answer)

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Q130 निम्न चार विकल्पों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्द पहचानिए (a) कृष्ण (b) क्रष्ण (c) कृषण (d) कृश्ण Ans-(a) कृष्ण Q131 निम्न प्रश्नों में चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए वाक्य में से विश्लेषण शब्द की विशेषता प्रकट करता हो। (a) इस (b) बहुत (c) ऊंचे ऊंचे (d) पहाड़ Ans-(b) बहुत Q132 निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए वाक्य का सही विकल्प है सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ क्या होता है (a) सबका नाम (b) दूसरों का नाम (c) अपना नाम (d) संबंध का नाम Ans-(b) दूसरों का नाम  Q133 इनमें से कौन सी गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है (a) अँधा युग (b) चाँद का मुँह टेड़ा (c) भूरी-भूरी खाक धूल (d) नए साहित्यकार का सौन्दर्य शास्त्र ANS-(d)नए साहित्यकार का सौन्दर्य शास्त्र  Q134 निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो बताता है कि पृथ्वीराज रासो किस लेखक की रचना है (a) चंदवरदाई  (b)  कल्हण  (c) बाल्मीकि  (d)हर्ष वर्धन  ANS-(a) चंदवरदाई   Q135 निम्नलिखित प्

अर्थव्यवस्था से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

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              सामान्य ज्ञान अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था में मुद्रा के तुल्य और कीमत सत्तर के बिच का किया सम्बन्ध है --   प्रतिलोम  भारत में सबसे पुराण स्टॉक एक्सचेंज किस शहर में है -- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज  वह भारतीय राज्य जिसका वित्तीय लइंडेन भारतीय रिजर्व बैंक से नहीं होता है -- जम्मू-कश्मीर  स्टैगफ्लेशन की सिथति कैसी होती है -- गतिरोध और मुद्रास्फीति की  योजना आयोग का गठन किस साल में हुआ -- 1950  योजन आयोग का अध्य कौन होता है -- प्रधानमंत्री  राष्ट्रीय विकास परिषद् का गठन किस साल में हुआ --1952 भारत में पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू हुई -- 1951 योजना अवकाश कितने समय तक रहा -- 1966 से  1969    भारत का केन्दिर्य बैंक -- रिजर्व  बैंक ऑफ़ इंडिया  पहला पूर्ण भारतीय बैंक -- पंजाब नेशनल बैंक  पंजाब नेशनल  बैंक की स्थापना किस साल में हुई --1894 भारतीय इम्पीरिल बैंक की स्थपना किस साल में हुई --1921 सार्वजानिक  सबसे बढ़ा बैंक -- भारतीय स्टेट बैंक  भारत का पहला मोबाइल  बैंक किस शहर में है -- खरगोन (मध्यप्रदेश ) देश का पहला ग्रामीण बैंक -- प्रथम बैंक  सहकारी साख सगठन  किस

TAX

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TAX कंपनी कर या निगम कर  (CORPORATION TAX)--- कंपनी कर से तात्पर्य उस कर से  है जो एक कंपनी अपनी कर-योग्य आय पर देती है  केबल केंद्र सरकार  को ही कम्पनियो पर कर लगाने का अधिकार है    (1) यह कर कृषि  आय पर नहीं लगाया जा सकता। (2) कंपनी द्वारा दिया गया कर अंशधारीयों  की ओर से दिया हुआ नहीं मन जाता, अत: उन्हें इस सम्बंद में कोई कटौती।  अंशधारियों को प्राप्त लाभांश पर कर देना होगा।  यदि किसी प्रावधान  अंतर्गत लाभांश के सम्बन्ध में  कटौती कर-छूट दी गई है तो अंशधारयो को यह छूट या कटौती मिलेगी।   कर बंचना (TAX EVASION)-- कर बंचना में करारोपण के विधान का स्पष्ट उल्लघन  होता है।  ऐसे कर चोरी कर चोरी कह सकते है।  इसके अंतरगत   व्यक्ति घुटे खर्चे दिखाकर अपनी कुल  आय कम करता है।  अथवा अपनी वास्तविक आय घोषित नहीं करता और अपना कर दायित्व कम कर लेता है कर वंचना अनैतिक एवं  देश के प्रति लाभप्रद नहीं  है  कर वंचना निम्लिखित तरीको से कर वचते है।  (1) बिक्री को काम दिखाकर  (2) गलत खर्चे और हानियाँ दिखाकर  (3) बेनामी व्यवहार की आय छिपकर  कर बचाव (TAX AVOIDANCE

Inflation (meaning,reason)

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Inflation मुद्रास्फीर्ति  चीजों और बस्तुओ के दामों  में जब बढ़ोत्तरी  है तो उसे   मुद्रास्फीर्ति  कहते है अत: हम दूसरे शब्दों में कह सकते है है की जब बाजार में बस्तुओ दस मूल्यों में जब बढ़ोत्तरी हो तो उसे मुद्रास्फीर्ति  कहते है ! उदहारण द्वारा स्पस्टीकरण  -----   हम लोग मन लेते है की बाजार में आइसक्रीम की कीमत 20 रूपए  है और एक ब्यक्ति 100  रूपए में 5   आइसक्रीम खरीदता है और वही  आइसक्रीम  ब्यक्ति   मुद्रास्फीर्ति के समय में  आइसक्रीम की कीमत बढ़कर 25 रूपए हो जाती है तो   ब्यक्ति अब 100 मात्र 4  आइसक्रीम  खरीद  है ! इस प्रकार हम सकते है है की  मुद्रास्फीर्ति के समय मुद्रा की क्रय शक्ति घट जाती है  और  इसीलिए  बस्तुओ के दामों  में जब बढ़ोत्तरी हो है !   मुद्रास्फीर्ति के कारण-- मुद्रास्फीर्ति के कारण निम्लिखित है  (1) Demand push inflation (2) cost push inflation (3) wage push inflation (1) Demand push inflation-- It starts in with an increase in costumer Demand. Caused due to Excess Money supply in market. मुद्रास्फीर्ति के कारणो  में सबसे महत्वप

SHARES (Equity shares and preference shares)

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अंश SHARE share and debencatrs कंपनी  के अंश पूंजी की छोटी से छोटी एक विभाज्य ईकाइ को अंश कहते हैं अंश पूंजी वाली कंपनी की पूंजी को एक निश्चित राशि के जिन हिस्सों में बांटा जाता है उन्हें  अंश कहते है।जैसे, यदि एक कंपनी के अंश पूंजी ₹200000 है और इसे 100-100 के 2000 हिस्सों में बांटा गया है तो इस प्रत्येक हिस्से को अंश कहते है। समता अंश  (Equity Shares) अंशो द्वारा सीमित कंपनी  कि  दशा में समता अंश पूंजी वह है जो पूर्व अधिकार अंश पूंजी नहीं है समता अंश पर लाभांश कंपनी के विभाजन योग्य लाभ में से पूर्वाअधिकार अंश धारियों को लाभांश बांटने के बाद मिलता है और यदि इस बंटवारे के इस बंटवारे के बाद  लाभांश नहीं बचता है तो इन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं होता है इनके लाभांश की दर संचालकों के द्वारा निर्धारित की जाती है समता अंश धारी कंपनी के प्रबंध में सक्रिय भाग लेते हैं मताधिकार के द्वारा संचालन मंडल चुनते हैं और वार्षिक सामान्य सभा के द्वारा कंपनी पर नियंत्रण रखते हैं वस्तुतः समता अंश धारी कंपनी के वास्तविक स्वामी होते हैं पूर्वाधिकार अंश  ( Preference Shares ) पूर्व अधिकार

साझेदारी (partnership) Introduction, Admission of a new partner, Death of a partner, Dissolution of partnership.. 🍁

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साझेदारी का आशय व्यवसाय को सुचारु रुप से चलाने के लिए साझेदारी का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है साझेदारी का कार्य सुचारु रुप से चलाने एवं उसके उद्देश्य प्राप्त करने में साझेदारी संबंधी लेखांकन का विशेष स्थान है साझेदारी संबंधी लेखांकन के विस्तृत से अध्ययन के पूर्व इसकी परिभाषा आदि का ज्ञान आवश्यक है    व्यापारिक और अव्यापारिक साझेदारी (Trading and Non-trading Partnership)- साझेदारी का मुख्य का निर्माण करना या माल का क्रय विक्रय होता है उसे व्यापारिक साझेदारी कहा जाता है और जो साझेदारी सेवाएं देने के लिए होती है उसे व्यापारिक साझेदारी कहा जाता है जैसे सार्वजनिक पुस्तकालय, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की साझेदारी, आदि साझेदारी के आवश्यक लक्षण ☆ दो या दो से अधिक व्यक्ति का होना - साझेदारी के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि एक व्यक्ति स्वयं साझेदार नहीं बन सकता है यदि सामान्य साझेदारी में सदस्यों की संख्या 20 से अधिक तथा बैंकिंग व्यवसाय में लगी साझेदारी में साझेदारों की संख्या 10 से अधिक होती है तो सारी सारी अवैध हो जाती है ☆   कारोबार का उद्

PATRA MUDRA ! पत्र-मुद्रा(निर्गमन के सिद्धांत एंव भारत की वर्तमान मुद्रा प्रणाली)

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पत्र-मुद्रा का अर्थ   पत्र-मुद्रा  विशेष किस्म के कागज पर छपा हुआ एक  प्रतिज्ञा पत्र  होता है जिसमें निर्गमन अधिकारी -सरकार अथवा केन्द्रीय बैंक वाहक को माँगने पर उसमें लिखित राशि देने का वचन देता है।यह पत्र माँग पर देय होता है। पत्र-मुद्रा प्रायः एक निश्चित विधान के अन्तर्गत निर्गमित की जातीं है।और इसके पीछे  केन्द्रीय बैक दवरा नियमानुसार स्वर्ण अथवा विदेशी प्रतिभूतियां कोष में रखी जाती है। paper money पत्र-मुद्रा के गुण - ☆ लोचदार - पत्र मुद्रा की माँग एंव पूर्ति में समायोजन करना सरल होता है क्योंकि पत्र मुद्रा की पूर्ति  को समय उर  आर्थिक विकास की आवश्यकताओं के अनुरूप आसानी से घटाया-बढ़ाया जा सकता है। ☆ भुगतान में सरलता - पत्र मुद्रा वजन में हल्की तथा गिनने में सुविधाजनक होने के कारण बड़े-बड़े भुगतान सरलतापूर्वक किए जा सकते हैं। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में  सुविधा रहती है। ☆ बैंक व्यवस्था में सहायक - आज के वर्तमान युग में अधिकतर  भुगतान ऑनलाइन किए जाते हैं इसी लिए  आज के वर्तमान युग में बैंक का महत्व बहुत अधिक बड़ा है। pratiga patar