‌आज मैं आपको बैलेंस शीट बनाना सिखाओ

‌आज मैं आपको बैलेंस शीट बनाना सिखाओ

, जब कोई व्यवसाय की अपनी स्थिति जानने के लिए कोई स्थिति विवरण तैयार करता है या कोई स्टेटमेंट तैयार करता है तो उसे आर्थिक चिट्ठा या बैलेंस शीट कहते हैं इसे हम लोग स्थिति विवरण के नाम से भी जानते हैं
बैलेंस शीट में प्राया दो पछ  होते हैं पहला पक्ष दायित्व  तथा दूसरा पक्ष संपत्ति पर  है

  • सबसे पहले हम लोग दायित्व पक्ष की चर्चा करेंगे


  1.  दायित्व पक्ष में प्राया कैपिटल जिसे हम लोग पूंजी के नाम से जानते हैं उसका अमाउंट लिखते हैं उसके बाद उसमें यदि कोई शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि दी है तो उसे ऐड या लेस करते हैं उसके बाद जो अंतर आता है उसके बाद जो टोटल अमाउंट आती है वह हम लोग में अमाउंट के कॉलम में लिख देते हैं
  2. ‌ फिर उसके बाद लेनदार पर चर्चा करेंगे लेनदार भी व्यक्ति होते हैं जिनको हमें पैसा देना है अथवा हमारा यह दायित्व है कि हमें उनका रुपए देना है तो वह हमारी दायित्व पक्ष में आते हैं
  3. ‌ उसके बाद यदि कोई बिल्स पेबल याद एविल है तो उसका भी हम लोग पेमेंट करते हैं
  4. ‌ यदि विवरण में कोई आदत मजदूरी आदत वेतन या फिर आदत कोई भी चीज हो तो उसे हम लोग आउटस्टैंडिंग और उस  खर्चे का नाम लिख देते हैं जिसमें किए हैं और उसे भी हम लोग दायित्व पक्ष में लिख देते हैं ऐसा हम लोग इसलिए करते हैं क्योंकि यह हमारा दायित्व है कि हमें उनका पेमेंट करना है जैसा  कि मान लो कि मैंने ₹10000 मजदूरी के पेड़ किए हैं और उसमें ₹2000 आदत हैं तो दो ₹12000 टोटल पेमेंट हमारा हो जाएगा इसीलिए हम लोग जो ₹2000 अतिरिक्त व्यय हैं उसे लायबिलिटीज के रूप में देखते हैं और हम लोग बैलेंस शीट में लायबिलिटी साइड में लिख देते हैं 
  5. ‌ यदि विवरण में हम लोगों को कोई बैंक ओवरड्राफ्ट या बैंक अधिकारी के नाम से कोई भी अमाउंट दिखती है तो वह भी हमारा दायित्व है कि हमें उसका पेमेंट करना है यदि हमने किसी से रुपए लिया है अलोन के रूप में किसी से लिया है तो वह भी हमारा दायित्व है और हमें यह भी उसका पेमेंट करना है तो यह बैलेंस शीट में दायित्व पक्ष की तरफ लिखा जाएगा


अब हम लोग संपत्ति पक्ष की चर्चा करेंगे

संपत्ति पक्ष में प्राया  दो प्रकार की संपत्तियां आती हैं जिसे हम लोग दो भागों में बांटते हैं पहला स्थाई संपत्ति और दूसरा चालू संपत्ति से पहले हम लोग स्थाई संपत्ति पर चर्चा करेंगे

  1. ‌ स्थाई संपत्ति व संपत्ति होती हैं जो इजी ली या से सरलता पूर्वक सफल सरलता पूर्वक रुपए में कन्वर्ट नहीं हो पाती स्थाई संपत्ति में फर्नीचर मशीन बिल्डिंग प्लांट आदि को रखा जाता है
  2. चालू संपत्ति में वह संपत्ति आती हैं जो इसलिए पैसे में कन्वर्ट हो जाती हैं तो सबसे पहले तो इसमें करें चालू संपत्ति में हम लोग रुपए को शामिल करते हैं अर्थात गैस उसके बाद देनदार लेटर और निर्मली प्रिलिमनरी एक्सपेंस यह प्रारंभिक बयानों को भी स्थाई संपत्ति माना जाता है

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